आज तक शिवसेना का रहा गढ़, इस बार एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की लड़ाई, जानें कल्याण लोकसभा सीट का सियासी गणित

कल्याण: महाराष्ट्र कीकल्याण लोकसभा सीट जब से अस्तित्व में आई है, तभी से यहां शिवसेना का कब्जा है। इसे शिवसेना का गढ़ माना जाता है। 2009 में हुए पहले चुनाव में यहां से शिवसेना (तत्कालीन) के उम्मीदवार आनंद परांजपे जीते थे। इसके बाद 2014 के चुनाव में वह एनसीपी (तत्कालीन) की तरफ से लड़े और शिवसेना (तत्कालीन) के डॉ.Ṇ श्रीकांत शिंदे से हार गए। इसके बाद, 2019 के चुनाव में भी एक बार फिर श्रीकांत की जीत हुई। हालांकि, इस बार मामला दूसरा है। दरअसल, यहां से इस बार शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई हो सकती है। एक तरफ शिंदे गुट से श्रीकांत फिर से चुनाव लड़ने वाले हैं, तो दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे गुट भी अपना उम्मीदवार उतार सकता है। हालांकि, उद्धव को अब तक यहां के लिए उम्मीदवार नहीं मिला है।

अगर कल्याण-ठाणे लोकसभा क्षेत्र के इतिहास पर नजर डालें, तो यह सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र हुआ करता था। इसके बाद, 2009 में कल्याण लोकसभा क्षेत्र अगल हो गया।

कल्याण लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास

कल्याण-ठाणे लोकसभा सीट पर सबसे पहले 1977 में जनता पार्टी से रामभाऊ म्हालगी चुने गए थे। इसके बाद, जनसंघ की सरकार गिर गई और दोबारा चुनाव हुए। 1980 में वह एक फिर से जीते। 1982 में उनकी मृत्यु के बाद भारतीय जनता पार्टी के जगन्नाथ पाटील ने उप चुनाव में जीत दर्ज की। 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के शांताराम घोलप निर्वाचित हुए। हालांकि, 1989 में बीजेपी के रामभाऊ कापसे जीतकर संसद पहुंचे।1991 में दोबारा चुनाव हुए और कापसे फिर से चुनाव जीत गए। इसके बाद, शिव सेना के प्रकाश परांजपे 1996, 1998, 1999 और 2004 में चार बार सांसद चुने गए। इस बीच, उन्हें कैंसर हो गया और उनकी मौत के बाद हुए चुनाव में उनके बेटे आनंद परांजपे ने मोर्चा संभाला और 2008 में जीत गए। राष्ट्रवादी संजीव नाइक ने शिवसेना के खिलाफ चुनाव लड़ा था. वे हार गए. तब ठाणे निर्वाचन क्षेत्र एक संघ था। इसके बाद, 2009 से अब तक शिवसेना का ही कब्जा है।

महायुति है यहां मजबूत

कल्याण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं। अंबरनाथ सीट से शिवसेना के बालाजी किंणीकर, उल्हासनगर से बीजेपी के विधायक कुमार आयलानी, कल्याण (पूर्व) से बीजेपी के गणपत गायकवाड, कल्याण ग्रामीण से मनसे के राजू पाटील, डोंबिवली शहर से बीजेपी के रविंद्र चव्हाण और मुंब्रा से एनसीपी के जितेंद्र अव्हाड विधायक हैं। देखा जाए, तो 6 में से 3 सीट पर बीजेपी का कब्जा है। महायुति होने के कारण कल्याण लोकसभा सीट पर शिवसेना (शिंदे गुट) का पलड़ा भारी दिख रहा है। यहां मिक्स मतदाता हैं। मराठी, हिंदीभाषी, गुजराती, मारवाड़ी, साउथ इंडियन और मुस्लिम मतदाता हैं। हालांकि, हिंदीभाषियों की संख्या काफी है, इसलिए यहां वे निर्णायक भूमिका में रहते हैं।

वोटर्स की स्थिति

कुल मतदाता: 20,18,958
पुरुष मतदाता: 10,85,710
महिला मतदाता: 9,32,510
ट्रांस जेंडर्स: 738
फर्स्ट टाइम वोटर्स: 3,11,694
दिव्यांग मतदाता: 10,802
85 साल से अधिक: 18,179

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