अंतरिक्ष में और ऊंची होगी उड़ान, इसरो को बजट में मिला और ज्यादा स्पेस

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अंतरिक्ष कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए बजट में अच्छी खासी रकम आवंटित की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अंतरिक्ष विभाग को 13,416 करोड़ रुपये दिए हैं। पिछले अंतरिम बजट में यह राशि 13,042 करोड़ रुपये थी। इसरो कई बड़े अंतरिक्ष कार्यक्रमों की तैयारी में है। इस बजट से अंतरिक्ष अन्वेषण, सैटेलाइट टेक्नोलॉजी और भू-स्थानिक क्षमताओं को मजबूती मिलेगी।

बजट में स्पेस मिशन पर खास जोर

इसरो के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने बजट में इसरो के लिए ज्यादा पैसा रखा है। पूंजीगत व्यय के लिए 6,103 करोड़ रुपये दिए गए हैं। राजस्व व्यय के लिए 7,312 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इससे अंतरिक्ष के बुनियादी ढांचे और संचालन दोनों को मदद मिलेगी।

13416 करोड़ की रकम आवंटित

कमर्शियल सैटेलाइट की बढ़ती संख्या को देखते हुए, इसरो की व्यावसायिक शाखा NSIL का बजट बढ़ाया गया है। पहले 950 करोड़ रुपये (RE 2024-25) था, अब 1,030 करोड़ रुपये (2025-26) हो गया है। सैटेलाइट की स्थापना और प्रक्षेपण यानों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले मुख्य उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी को जीरो कर दिया गया है। इससे उपग्रह बनाने वाली कंपनियों को फायदा होगा।

जानिए किन मिशन पर रहेगा जोर

सरकार ने राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन शुरू करने की भी घोषणा की है। यह पीएम गति शक्ति पहल के साथ जुड़ा है। इससे देश के बुनियादी ढांचे के विकास में मदद मिलेगी। नक्शे और स्थान संबंधी जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी। कुल मिलाकर, यह बजट भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए एक बड़ा कदम है। इससे देश की अंतरिक्ष क्षमता में और वृद्धि होगी। नए अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा मिलेगा।

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