पुणे पोर्शे हादसे ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया। 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक दर्दनाक हादसा हुआ। एक तेज रफ्तार लग्जरी कार पोर्शे ने दो युवा इंजीनियर्स को रौंद दिया। दोनों बाइस से घर जा रहे थे। इस घटना में पता चला कि कार एक नाबालिग चला रहा था। वह नाबालिग बहुत ज्यादा नशे में था। नाबालिग एक रईस घर का लड़का है इसलिए मामले को शुरू में दबाने का प्रयास किया गया। हालांकि मीडिया और सोशल मीडिया में इस केस ने जोर पकड़ा और पुलिस एक्शन में आई। पर्त दर पर्त खुली तो पता चला कि किस तरह मामले को रफा-दफा करने के लिए किस तरह दबाव से लेकर रुपये तक बहाए गए। फिलहाल नाबालिग का पूरा परिवार अब जेल में है।
पोर्शे हादसे के आरोपी की मां पर क्या आरोप?पुलिस ने पोर्शे कार दुर्घटना मामले में नाबालिग आरोपी की मां को गिरफ्तार कर लिया है। इस बात की पुष्टि हो गई है कि किशोर के ब्लड सैंपल को उसकी मां के रक्त नमूने से बदला गया था। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि दुर्घटना की जांच में यह पता चला है कि किशोर के ब्लड सैंपल को डस्डबिन में फेंक दिया गया था। जांच के लिए उसकी मां का ब्लड सैंपल लिया गया था और उससे ही डॉक्टर्स ने नाबालिग के नशे में न होने की रिपोर्ट तैयार करके दे दी थी। पूरा खुलासा होने के बाद पुलिस ने आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल को गिरफ्तार किया है।
क्यों गिरफ्तार बिल्डर पिता विशाल अग्रवाल?
पुणे की एक अदालत ने ‘पोर्श’ कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग के पिता और रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल को जेल भेजा है। विशाल अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने मामले को शुरू से ही दबाने का प्रयास किया। उन्होंने पहले कथित तौर पर अपने रसूक का प्रयोग किया। पुलिस अधिकारियों से लेकर अस्पताल तक अपने राजनीतिक हथकंडे अपनाएं। उसके बाद रुपयों के बलबूते सबूत मिटाने का प्रयास किया। अपने ड्राइवर को किडनैप करके उसके ऊपर दबाव डाला कि वह बयान दे कि घटना के दिन कार उनका नाबालिग बेटा नहीं बल्कि वह चला रहा था।सुरेंद्र कुमार ब्रह्मदत्त अग्रवाल (77) आरोपी नाबालिग के दादा हैं। उनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने अपने ड्राइवर को बंधक बनाया। अपने बंगले में उसे बंद करके धमकी दी। उसका मोबाइल फोन छीन लिया और एक्सिडेंट का आरोप अपने ऊपर लेने को कहा। उन्होंने घटना के सबूत मिटाने के अपने हर संभव प्रयास किए।