केकड़ी : राजस्थान के केकड़ी जिले में शातिर अपराधियों का हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है। इसमें शातिर अपराधियों ने एक किसान को कछुए को 50 लाख रुपए में बिकवाने के नाम पर झांसा देकर साढ़े 5 लाख रुपए की ठगी कर ली। इस वारदात को लेकर पुलिस ने करीब आधा दर्जन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी पीड़ित के खेत में बटई का काम करता था।
तुम कछुए की व्यवस्था करवा दो, फिर…
पुलिस ने बताया कि इस संबंध में दोलड़ा थाना सदर जिला बूंदी निवासी सत्यनारायण धाकड़ ने मामला दर्ज करवाया हैं। इसमें बताया कि केकड़ी थाना क्षेत्र के राजपुरा में उसकी जमीन पर मदन मोग्या बटई का कार्य करता है। उसने 10-15 दिन पहले झांसा दिया कि उसके मिलने वाले डॉक्टर को कछुए की आवश्यकता है। कोई ऊंची जात वाला कछुआ देगा, तब ही डॉक्टर कछुआ लेने को तैयार होगा। अगर तुम कछुआ दिलवा दो तो वह डॉक्टर से 50 लाख रुपए दिलवा देगा। इस पर पीड़ित सत्यनारायण ने मना कर दिया, लेकिन दो दिन बाद आरोपी अपने दो अन्य साथियों प्रधान मोग्या निवासी दतोब और बन्ना लाल मोग्या के साथ वहां आया और फिर से कछुए की व्यवस्था करने को कहा।
तुम तो पैसों की व्यवस्था कर दो, कछुआ हम ला देंगे
इस दौरान आरोपियों ने पीड़ित को कहा कि कछुए की व्यवस्था हम कर देंगे, तुम तो कुछ पैसों की व्यवस्था कर दो। आरोपियों ने कहा कि उसके दो अन्य साथी कछुआ लाकर दे देंगे, लेकिन उनकी शर्त है कि डॉक्टर से मिलने वाली 50 लाख रुपए में से आधी रकम उन्हें देनी होगी। इस दौरान पीड़ित उनके झांसे में आ गया और वह इसके लिए तैयार हो गया। उसने अपने जमीन बेचने की एवज में मिली रकम में से साढ़े 5 लाख रुपए ठगों को दे दिए।
झांसे में लेकर पीड़ित से वसूले साढ़े 5 लाख रुपए
इस दौरान आरोपियों ने पीड़ित को झांसा दिया कि कछुए की व्यवस्था हो गई है। तुम्हें कुछ पैसों की व्यवस्था करनी होगी। इसके बाद पीड़ित को आरोपी मदन मोग्या, प्रधान मोग्या, भंवरलाल मोग्या, बैजनाथ मोग्या और एक महिला ने केकड़ी बस स्टैंड पर बुलाया। जहां एक पार्क में ले जाकर उन्होंने रंगीन पीले रंग का कछुआ दिया। साथ में कहा कि डॉक्टर ऊंची जात वाले से ही कछुआ लेगा, तभी 50 लाख रुपए देगा। इसकी एवज में पीड़ित ने आरोपियों को साढे 5 लाख रुपए दे दिए। इस दौरान कछुआ कुछ समय बाद मर गया। इस पर पीड़ित ने जब आरोपियों को फोन कर घटना की जानकारी दी, तो आरोपी टालमटोल करने लगे। बाद में उन्होंने अपना फोन बंद कर दिया। तब पीड़ित को अपने ठगे होने का एहसास हुआ।