अमृतसर : पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने अमृतसर के चारदीवारी वाले इलाके को ‘पवित्र नगर’ घोषित किया है। इलाके में मांस,मछली और तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि इस फैसले से उन सैकड़ों परिवारों में गहरी चिंता फैल गई है जिनकी आजीविका इसी व्यापार पर निर्भर है। चारदीवारी वाला इलाका स्वर्ण मंदिर के आसपास का क्षेत्र है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 21 दिसंबर को एक वीडियो संदेश में इस ऐतिहासिक फैसले की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि श्री आनंदपुर साहिब, तलवंडी साबो (बठिंडा) और अमृतसर के चारदीवारी वाले इलाके को ‘पवित्र’ नगर घोषित किया है।
क्या बोले प्रभावित लोग
इस कदम को स्वर्ण मंदिर के आसपास के क्षेत्र की पवित्रता को बनाए रखने के प्रयास के रूप में पेश किया जा रहा है। वहीं इससे प्रभावित लोगों का कहना है कि यह पीढ़ियों पुराने व्यवसायों को बिना कोई विकल्प दिए खत्म करने का खतरा है।
कैसे पड़ेगा असर
हॉल गेट के अंदर मछली का व्यापार करने वाले चौथी पीढ़ी के व्यापारी राजिंदर कुमार ने भयावह स्थिति का वर्णन किया है। उन्होंने कहा कि यहां 18 आपूर्तिकर्ता हैं। यह पंजाब का पहला थोक मछली बाजार था और आज भी विभिन्न जिलों को मछली की आपूर्ति करता है। एक ही ऑर्डर से पीढ़ियों की मेहनत बर्बाद हो जाती है। प्रत्येक दुकान में 40 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।
भड़के कारोबारी
बीके दत्त गेट के अंदर एक भोजनालय के मालिक मनमोहन सिंह ने पूरे वालिहा नगर को ‘पवित्र नगर’ घोषित करने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “स्वर्ण मंदिर के आसपास पहले से ही एक गलियारा है, जहां ऐसे प्रतिबंधों का पालन किया जाता है। इसे पूरे वालिहा नगर में क्यों लागू किया जा रहा है? हमें कोई विकल्प नहीं दिया गया है। अमृतसर सिर्फ एक धार्मिक नगर नहीं है। यह अपने भोजन के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
होटल कारोबारी खुश
होटल व्यवसाय से जुड़े प्रतिनिधियों ने इस निर्णय के पीछे की भावना का स्वागत करते हुए इसके असमान प्रभाव को भी स्वीकार किया। अमृतसर होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष एके चत्था ने कहा कि इसका खामियाजा होटलों को नहीं, बल्कि मांस, मछली और तंबाकू विक्रेताओं को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी, होटल बाहर से मांस मंगवाकर अपने मेनू में बदलाव कर सकते हैं। लेकिन यह निर्णय अवैध व्यापार और भ्रष्टाचार को बढ़ा सकता है।
चारदावारी में 225 होटल
शहर की चारदीवारी के अंदर लॉज और गेस्ट हाउस सहित लगभग 225 होटल हैं। सूत्रों ने बताया कि इन होटलों में अवैध रूप से शराब भी परोसी जाती है और इन आदेशों के बाद मांस और शराब दोनों ही अवैध रूप से परोसी जाएंगी। मोती राम जैसे छोटे विक्रेताओं के लिए, जो पान-बिड़ी का खोखा चलाते हैं, इस आदेश ने उनकी सारी उम्मीदें तोड़ दी हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपना पूरा जीवन यहीं पान और सिगरेट बेचकर बिताया है। इस अचानक लिए गए फैसले ने मेरे पैरों तले से जमीन खींच ली है।’ स्थानांतरण को लेकर अनिश्चित उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे ग्राहक इसी इलाके के दुकानदार हैं। अगर मैं कहीं और चला जाऊं, तो कौन जाने मेरा खोखा चलेगा या नहीं?’