मुंबई : बीजेपी ने शिवसेना शिंदे गुट से रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट छीन ली है। एकनाथ शिंदे गुट को आखिरकार बीजेपी के तगड़े दबाव के चलते अपनी दावेदारी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। बीजेपी ने इस सीट से नारायण राणे को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। बता दें कि एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री उदय सामंत के भाई किरण सामंत इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। अपने नाम की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद नारायण राणे ने कहा कि सिंधुदुर्ग रत्नागिरी सीट को लेकर कोई मतभेद नहीं था। मुझे पहले से ही पता था कि मुझे उम्मीदवारी मिलेगी। राणे ने कहा, हम विकास के मुद्दे और मोदी के चेहरे के साथ चुनाव का सामना करने जा रहे हैं। 400 पार करना है। विकसित देश बनाना और आत्मनिर्भर बनाना हमारे अभियान का मुद्दा होगा। मैं सावंत बंधुओं का आभारी हूं। साथ ही, उम्मीदवारी देने के लिए मैं मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का आभारी हूं।
इससे पहले शिंदे के करीबी मंत्री उदय सामंत ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए केवल चौबीस घंटे बचे हैं, इसलिए उम्मीदवारी के भ्रम को दूर करने के लिए उनके भाई किरण सामंत ने यहां से चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है।
हुई थी सीएम शिंदे और डीसीएम फडणवीस से चर्चा
उदय सामंत ने कहा कि सीट की दावेदारी को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा हुई। चार दिन पहले उन्होंने देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी और मांग की थी कि कोंकण सीट शिवसेना को दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, रत्नागिरी सिंधुदुर्ग की जीत की गणना फडणवीस के सामने पेश की गई थी। इसके बाद शिंदे और फडणवीस ने अमित शाह से चर्चा की। हमने अपने परिवार में भी चर्चा की। नारायण राणे वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए नारायण राणे के लिए हम पूरी ताकत और ईमानदारी के साथ काम करेंगे।