बीएमसी क्लर्क भर्ती प्रक्रिया में बड़े घोटाले का आरोप, 509 उम्मीदवार हुए अपात्र—स्वतंत्र जांच की मांग तेज

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) की वर्ष 2024 की क्लर्क भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप सामने आया है। नागरिक कार्यकर्ता श्री. गणपत विष्णू म्हस्के ने बीएमसी आयुक्त को आधिकारिक शिकायत सौंपते हुए भर्ती प्रक्रिया की तत्काल स्वतंत्र जांच की मांग की है। यह मामला तब सामने आया जब सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त दस्तावेजों से पता चला कि कुल 509 उम्मीदवारों को अपात्र घोषित किया गया है, जो अत्यंत असामान्य संख्या मानी जा रही है।

RTI से मिली जानकारी के अनुसार, आरोप है कि बीएमसी अधिकारियों ने भर्ती प्रक्रिया में “Normalization” प्रणाली का दुरुपयोग कर अपने ही रिश्तेदारों को अनुचित लाभ पहुँचाया। शिकायतकर्ता ने यह भी दावा किया है कि संबंधित अधिकारियों ने जानकारी देने से परहेज़ किया और जांच के प्रश्नों पर टालमटोल का रुख अपनाया।

मुख्य आरोपों में शामिल हैं:

“Normalization” प्रक्रिया का अपारदर्शी उपयोग कर समूह-अंक बढ़ाना और मेरिट सूची को प्रभावित करना।

अधिकारियों द्वारा जानकारी साझा करने से इनकार और जांच को बाधित करना।

बीएमसी कर्मचारियों के रिश्तेदारों को लाभ देकर Merit सिद्धांत का उल्लंघन करना।

मुख्य आरोपों में शामिल हैं:

“Normalization” प्रक्रिया का अपारदर्शी उपयोग कर समूह-अंक बढ़ाना और मेरिट सूची को प्रभावित करना।

अधिकारियों द्वारा जानकारी साझा करने से इनकार और जांच को बाधित करना।

बीएमसी कर्मचारियों के रिश्तेदारों को लाभ देकर Merit सिद्धांत का उल्लंघन करना।

शिकायतकर्ता की मांगें:

संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच समिति गठित की जाए।

जांच पूरी होने तक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े सभी निर्णय स्थगित किए जाएं।

दोषी अधिकारियों के खिलाफ फौजदारी मुकदमा दर्ज किया जाए।

जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।

उपोषण की घोषणा

इन गंभीर आरोपों के विरोध में श्री. गणपत विष्णू म्हस्के ने घोषणा की है कि वह 17 नवंबर 2025 से मुंबई में अनिश्चितकालीन उपोषण पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक जांच शुरू नहीं होती और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

लहाके ने कहा, “यह भर्ती प्रक्रिया गरीब, सामान्य और पिछड़े वर्ग के युवाओं के साथ किया गया अन्याय है। 29 सितंबर 2025 को जारी अधिसूचना में स्पष्ट दस्तावेज़ों के अनुसार चयन होना चाहिए था, लेकिन टाइपिंग सर्टिफिकेट समेत अन्य कई गैर-ज़रूरी मानदंड जोड़कर 509 उम्मीदवारों को अपात्र ठहराया गया। यह साफ़-साफ़ घोटाले की ओर इशारा करता है। सत्य और न्याय के लिए मैं अंतिम सांस तक लड़ने को तैयार हूँ।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *