गंगोत्री में नदी तूफान पर, हाइवे के पास भूस्खलन के बाद मलबा आने से रास्ते पर आवाजाही पड़ी ठप

देहरादून: उत्तराखंड में गंगोत्री के आसपास नदी का पानी बढ़ने और भूस्खलन होने से रास्ता बाधित हुआ है। नैशनल हाइवे पर बिशनपुर, नेताला, हेल्कुगाड़ और सुनगर के पास भू-स्खलन और मलबा आने के कारण रास्ता प्रभावित हुआ है। बीआरओ की मशीनरी के जरिए रास्ते को सुचारु करने का काम जारी है। देहरादून के साथ ही पौड़ी, चम्पावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ हिस्सों में तेज बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।

उत्तराखंड के अधिकतर हिस्सों में आज तेज बारिश के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत पौड़ी, चम्पावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ हिस्सों में तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा अन्य जिलों में भी कई दौर की तेज बारिश हो सकती है। उत्तराखंड के कुछ जिलों के लिए तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। सोमवार को देहरादून, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले के कुछ हिस्सों में तेज बारिश की संभावना है, जबकि अन्य जिलों में भी कई दौर की तेज बारिश हो सकती है। जुलाई माह के अंत तक प्रदेश भर के अधिकतर हिस्सों में तेज बारिश की संभावना है। देहरादून में दोपहर तक तेज धूप खिलने से उमसभरी गर्मी होने लगी। काफी तेज धूप के कारण देहरादून का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। जबकि कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश भी हुई लेकिन तापमान पर उसका कोई असर नहीं दिखाई दिया। देर शाम कुछ हिस्सों में बारिश हुई तो वही देर रात से देहरादून में बारिश होने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। उत्तराखंड में बारिश के चलते 121 रास्ते बंद हैं, जिनमें बॉर्डर रोड, राज्य मार्ग से लेकर ग्रामीण मार्ग भी शामिल हैं। यहां सबसे अधिक चमोली जिले में 28 मार्ग बंद है। इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिथौरागढ़ में दो बॉर्डर रोड और 24 ग्रामीण मार्ग बंद हैं। देहरादून में दो राज्य मार्ग और 23 ग्रामीण मार्ग बंद है। नैनीताल में 4, बागेश्वर में 6, चंपावत में 2, पौड़ी गढ़वाल में 3, टिहरी में 12 और रुद्रप्रयाग में 7 ग्रामीण मार्ग बंद हैं। उधम सिंह नगर में एक राज्य मार्ग और एक ग्रामीण मोटरमार्ग बंद है, जबकि उत्तरकाशी में एक राज्य मार्ग और 5 ग्रामीण मार्ग बंद है। गंगोत्री धाम में भागीरथी नदी का रौद्र रूप कुछ हद तक काम हो गया है। घटना के बाद घाटों पर मलबा और पत्थरों का ढेर लग गया है।

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