उत्तराखंड के जोशीमठ में बद्रीनाथ हाइवे पर मंगलवार को टूटे पहाड़ का मलबा तीर्थ यात्रियों के लिए मुसीबत बना हुआ है. मलबे के कारण बंद हुए हाइवे पर बीते 3 दिनों से 3 हजार से ज्यादा तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं. चार धाम यात्रा के दौरान बद्रीनाथ से लौट रहे सैकड़ों तीर्थ यात्रियों ने गुरुद्वारों में शरण ली हुई है. टूटे पहाड़ के मलबे को हटाने के काम युद्ध स्तर पर जारी है.
जोशीमठ-बद्रीनाथ हाइवे पर पहाड़ से टूटकर बड़ी चट्टान ने सड़क मार्ग को बंद कर दिया है. चट्टान को तोड़ने का काम तीन दिन से चल रहा था, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. अब इस चट्टान को ब्लास्ट करके तोड़ा गया है. ब्लास्टिंग के बाद बिखरे मलबे को हटाने का काम शुरू हो गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि आज दोपहर तक मलबा हटाकर रास्ता साफ कर दिया जाएगा.
तैयार की जा रही वैकल्पिक सड़क
हाइवे पर मलबा आने से जोशीमठ में लगभग 3 हजार से अधिक तीर्थ यात्री पिछले मंगलवार से फंसे हुए हैं. आज दोपहर तक सड़क खुल सकती है, क्योंकि पहाड़ी से टूटकर आई बड़ी चट्टान को ब्लास्टिंग से तोड़ दिया गया है. अब टूटे हुए चट्टान का मलबा हटाया जा रहा है और वैकल्पिक सड़क यहां पर तैयार की जानी शुरू की जा चुकी है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन की दो मशीन यहां पर मलबे को समतल कर वैकल्पिक सड़क तैयार करने में जुट गई हैं.
गुरुद्वारों में ठहरे तीर्थ यात्री
सड़क मार्ग बंद होने से सिखों के तीर्थ हेमकुंड साहब के पहले पड़ाव गोविंद घाट में 2 हजार से अधिक तीर्थ यात्री गुरुद्वारे में रुके हुए हैं, जिनमें लगभग 1 हजार से अधिक तीर्थ यात्री बद्रीनाथ की यात्रा से लौट रहे थे. इन्हें गोविंद घाट गुरुद्वारा में रोका गया है. जोशीमठ गुरुद्वारा में 700 से अधिक तीर्थ यात्री रोके गए हैं, जिनमें 550 हेमकुंड से वापस आए हुए और डेढ़ सौ बद्रीनाथ से लौटे हुए तीर्थ यात्री हैं. कोतवाल जोशीमठ राकेश चंद्र भट्ट के अनुसार, जोशीमठ में 500 से अधिक छोटे-बड़े वाहन फंसे हुए हैं. आज दोपहर 12 बजे तक सड़क खुलने की संभावना है.
तीर्थ यात्री फंसे, दर्शन को हुए परेशान
लैंडस्लाइड होने की वजह से जोशीमठ से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर बद्रीनाथ नेशनल हाइवे मंगलवार से बंद पड़ा है, जिसके चलते चार धाम यात्रा पर निकले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. देश के अलग अलग राज्यों से लोग बद्रीनाथ दर्शन करने के लिए आए हैं. रास्ता बंद होने की वजह से लोगो का कहना है कि पैसा और वक्त दोनों ही खराब हुए हैं. वह इंतजार कर रहे है कि कब रास्ता खुलेगा और ये लोग दर्शन करेंगे. कुछ लोगों का कहना है कि वह रोज यहां आते हैं और रास्ता बंद देखकर वापस चले जाते हैं.