ऋषिकेश: राजस्थान के अधिकारियों के अनुरोध के बाद उत्तराखंड सरकार चार बाघों को पश्चिमी राज्य में स्थानांतरित करने पर सहमत हो गई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) समीर सिन्हा ने शनिवार को बताया कि राजस्थान में स्थानांतरण के लिए बाघों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, राजस्थान भेजे जाने वाले बाघों को संरक्षित वन क्षेत्र से नहीं, बल्कि बफर जोन से पकड़ा जाएगा। ओडिशा ने भी इसी तरह तीन बाघों को उसके यहां स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है, जिस पर विचार किया जा रहा है।
राजस्थान और ओडिशा से मिले थे अनुरोध
अधिकारी ने बताया कि राजस्थान और ओडिशा की सरकारों से बाघों के स्थानांतरण के लिए अनुरोध उत्तराखंड में बाघ पुनर्वास परियोजना के सफल संचालन के बाद प्राप्त हुए थे। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में बाघ पुनर्वास परियोजना के तहत चार बाघों को कॉर्बेट बाघ अभयारण्य से राजाजी बाघ अभयारण्य स्थानांतरित किया गया था। उन्होंने बताया कि कॉर्बेट से राजाजी की मोतीचूर रेंज में किसी भी दिन पांचवां बाघ लाया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि इतना ही नहीं, दोनों राज्यों ने उत्तराखंड से बाघ स्थानांतरण कौशल सभी सलाह भी मांगी है।