मुंबई: नियमों का उल्लंघन कर मालाड के मढ, इरंगल और भाटी एरिया में अवैध रूप से बने 5 स्टूडियो को बीएमसी ने पिछले दिनों तोड़ दिया। भविष्य में ऐसे स्टूडियो न बनने पाए इसके लिए बीएमसी ने पॉलिसी में संशोधन करने का फैसला किया है। बीएमसी के उपायुक्त (स्पेशल) संजोग कबरे ने बताया कि हाल ही में बीएमसी ने कुछ स्टूडियो को तोड़ा है, क्योंकि जांच में कई तरह की अनियमितताएं पाई गई। इसलिए बीएमसी ने पुरानी पॉलिसी में संशोधन करने का फैसला किया है, जिससे स्टूडियो निर्माण में मुश्किल न आए और नियमों का कड़ाई से पालन हो। मालाड में स्टूडियो निर्माण और उसके तोड़े जाने को लेकर काफी राजनीतिक खींचतान भी देखने को मिली। बीजेपी ने कांग्रेस और उद्धव ठाकरे शिवसेना के नेता पर स्टूडियो निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है।
कबरे ने बताया कि पॉलिसी में कई नई शर्तें जोड़ी जाएंगी, उसके बाद ही स्टूडियो निर्माण की अनुमति बीएमसी देगी। मुंबई में ज्यादातर स्टूडियो समुद्र के किनारे हैं या बनती हैं। मालाड, अंधेरी और गोरेगांव में बड़े पैमाने पर स्टूडियो हैं, जो समुद्र के किनारे हैं। समुद्र और पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्टूडियो इको फ्रेंडली बनानी होगी। स्टूडियो की ऊंचाई कितनी होनी चाहिए, एक स्टूडियो में कितने वर्कर काम कर सकते हैं और यदि समय पर परमिशन को रिन्यू नहीं कराया गया, तो उस पर दंड लगाने की व्यवस्था की जाएगी। बीएमसी अधिकारी ने कहा कि जितनी जगह की परमिशन दी जाती है उतने में ही स्टूडियो निर्माण करना होता है, लेकिन लोग ज्यादा जगह इस्तेमाल कर लेते हैं। बीएमसी प्रशासन अब इसका विशेष ध्यान रखेगी कि स्टूडियो मालिक अधिक जगह पर अवैध कब्ज़ा न कर पाएं।
परमिशन रिन्यू के नियम भी कड़े किए जाएंगे। बता दें कि पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करते हुए मलाड मढ़ के भाटी गांव में बनाए गए पांच अनधिकृत स्टूडियो को हाल ही में बीएमसी ने ध्वस्त कर दिया गया था। मढ़ व आसपास के इलाकों में 49 अवैध स्टूडियो के अवैध निर्माण की शिकायत बीएमसी में दर्ज कराई थी। जिसके बाद बीएमसी कमिश्नर आई एस चहल ने उपायुक्त हर्षद काले को आरोपों की जांच का आदेश दिया था। जांच रिपोर्ट में निर्माण से पहले जरूरी परमिशन , जाली कागजात जमा करने , सीआरजेड सहित बीएमसी के नियमों का उल्लंघन जैसे मामले सामने आए थे। इस घटना के बाद मुंबई नगर निगम ने स्टूडियो निर्माण की अनुमति देने की नीति को अस्थायी रूप से बदलने का फैसला किया है।
नए परमिशन पर रोक
अधिकारी ने बताया कि सीआरजेड इस एरिया में निर्माण के लिए अस्थायी अनुमति देता है। इस अनुमति को देने के बाद बीएमसी स्टूडियो निर्माण के लिए आवश्यक शर्तों पर विचार कर रही है। भाटी गांव में बने स्टूडियो की ऊंचाई काफी ज्यादा थी। इसीलिए पॉलिसी में स्टूडियो की ऊंचाई संबंधी प्रतिबंध भी शामिल किए जाएंगे। इस बेल्ट में निर्माण पर्यावरण के अनुकूल है और पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, यह सुनिश्चित करने के लिए स्टूडियो के निर्माण में किन सामग्रियों का उपयोग किया जाना चाहिए जैसी कई शर्तें लगाते हुए पॉलिसी में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं।
1 मार्च 2019 को इस संबंध में सर्कुलर जारी कर नई नीति तैयार की गई थी। उसी के आधार पर अस्थाई स्टूडियो निर्माण की अनुमति दी गई। हालांकि, वह सर्कुलर असंगत था, इसलिए बीएमसी ने 23 नवंबर, 2022 के आदेश द्वारा इस पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है।