सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आज सोशल मीडिया पर सभी समर्थनकर्ताओं और इन्फ्लुएंसर्स को परामर्श दिया है कि वे सट्टेबाजी और जुए से जुड़े विदेशी ऑनलाइन प्लेटफार्म के प्रचार या विज्ञापन से बचें, जिसमें किराए के विज्ञापन भी शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा है कि इन विज्ञापनों का उपभोक्ताओं, विशेषकर युवाओं पर ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए का महत्वपूर्ण वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ता है।
मंत्रालय ने ऑनलाइन विज्ञापन मध्यस्थों को परामर्श दिया है कि वे भारतीय लोगों के लिए ऐसी प्रचार सामग्री को लक्षित न करें। सोशल मीडिया मध्यस्थों को भी परामर्श दिया गया है कि वे अपने उपयोगकर्ताओं के बीच ऐसी सामग्री प्रकाशित करने से बचने के लिए जागरूक प्रयास करें।
परामर्श में चेतावनी दी गई है कि इसका अनुपालन करने में विफल रहने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही हो सकती है, जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट या खातों को हटाना या निष्क्रिय करना और लागू कानूनों के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई शामिल है।
परामर्श रेखांकित करता है कि जहां सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79 तीसरे पक्ष की जानकारी, डेटा, या उनके द्वारा उपलब्ध या होस्ट किए गए संचार लिंक के लिए मध्यस्थों के दायित्व से छूट प्रदान करती है, वहीं धारा 79 की उपधारा (3)(बी) यह व्यवस्था प्रदान करती है कि दायित्व से छूट तब लागू नहीं होगी यदि वास्तविक जानकारी प्राप्त होने पर, या उपयुक्त सरकार या उसकी एजेंसी द्वारा सूचित किए जाने पर मध्यस्थ द्वारा नियंत्रित कंप्यूटर संसाधन में उपस्थित या उससे जुड़ी किसी भी जानकारी, डेटा या संचार लिंक का उपयोग गैरकानूनी कार्य जैसे अपराध करने के लिए किया जा रहा है और मध्यस्थ किसी भी तरह से साक्ष्य को खराब किए बिना उस संसाधन पर उस सामग्री तक पहुंच को शीघ्रता से हटाने या निष्क्रिय करने में विफल रहता है।
मंत्रालय ने केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की दिनांक 06 मार्च 2024 के परामर्श को दोहराया है, जिसमें मशहूर हस्तियों और इन्फ्लुएंसर्स द्वारा सट्टेबाजी गतिविधियों को प्रोत्साहन देने और समर्थन देने के लिए सट्टेबाजी/जुए से जुड़े प्लेटफार्मों के समर्थन के बारे में चिंता व्यक्त की गई थी और चेतावनी दी थी कि ऐसे किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन या समर्थन कड़ी जांच के अधीन होंगे।