भगवान राम के जन्म स्थल पर महाराष्ट्र भवन होना चाहिए और दिल्ली में नए संसद भवन विस्टा की तर्ज पर महाविस्टा बनाएंगे

मुंबई : महाराष्ट्र सरकार उत्तर प्रदेश के अयोध्या में महाराष्ट्र भवन बनाएगी। इसके अलावा श्रीनगर में भी महाराष्ट्र भवन बनाने का निर्णय लिया है। इस काम के लिए सरकार ने 77 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राम जन्मभूमि स्थल पर महाराष्ट्र भवन होना ही चाहिए। उसके लिए अंतरिम बजट में पैसे का प्रावधान किया है। फिलहाल तो इस पैसे से जमीन खरीदेंगे। आगे चलकर और भी पैसा लगेगा, तो उसका भी प्रावधान करेंगे।उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जनवरी में एनबीटी को बताया था कि भगवान राम के जन्म स्थल अयोध्या में महाराष्ट्र सरकार अपना भवन बनाएगी। इसके लिए वे मुख्यमंत्री योगी से जमीन मुहैया कराने की अपील करेंगे। अगर जरूरत पड़ी, तो हमारी सरकार राम मंदिर के आसपास जमीन खरीदकर श्री राम भवन बनाएगी।

देश के दूसरे राज्य भी अयोध्या में अपने प्रदेश का भवन बना रहे हैं। मंगलवार को वित्त मंत्री ने सन 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि हम सभी के लिए खुशी की बात है कि हमारी सरकार ने भी अयोध्या में रामलला के मंदिर के करीब महाराष्ट्र भवन बनाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा श्रीनगर में भी महाराष्ट्र भवन बनाएंगे। इसके लिए बजट में 77 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

संसद की तर्ज पर महाविस्टा

बजट में मुंबई में मंत्रालय और आसपास के परिसर की सरकारी इमारतों के आधुनिकीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय दर्जे का आर्किटेक्ट नियुक्त करने की घोषणा की है। वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि इससे पहले एक कंसल्टेंट ने करीब 7500 करोड़ रुपये की योजना बनाकर सरकार को दी थी। उसमें मंत्रालय, विधान भवन, सचिवालय और मंत्रियों की जगह पर भव्य और आलीशान इमारत बनाने की योजना थी, लेकिन नई दिल्ली का नया संसद देखने के बाद अब नए सिरे से योजना बनाई जाएगी।

वित्त मंत्री की बात को आगे बढ़ाते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दिल्ली में नए संसद भवन विस्टा की तर्ज पर महाविस्टा बनाएंगे। उन्होंने कहा कि करीब 14 से 15 एकड़ की जमीन पर विधान भवन, मंत्रालय, मंत्रियों के निवास स्थान, आईएएस अधिकारियों के निवास स्थान इत्यादि बनाएं जाएंगे। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय दर्जे का आर्किटेक्ट नियुक्त करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सन 2026 में विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र का नए सिरे से परिसीमन किया जाएगा। विधायकों की संख्या भी बढ़ेगी। ऐसे में हमें नए विधान भवन की जरूरत पड़ेगी, जहां विधायकों के बैठने के लिए ज्यादा सीटें लगेगी। महाविस्टा में यह सभी कुछ होगा।

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