Punjab Flood: हर घर तक डॉक्टर पहुंचाने का लक्ष्य, बाढ़ के बाद बीमारियों की रोकथाम ऐसे करेगी पंजाब की मान सरकार

चंडीगढ़: पंजाब में बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब स्वास्थ्य सेवाओं को सामान्य बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में पंजाब की भगवंत मान सरकार ने 14 सितंबर से विशेष स्वास्थ्य अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत 2,300 से अधिक बाढ़ प्रभावित गांवों में मेडिकल टीमों को भेजा गया है। इस अभियान का उद्देश्य प्रभावित परिवारों तक दवाइयां, जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं और बीमारियों की रोकथाम संबंधी सहायता सीधे पहुंचाना है। डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की टीमें गांव-गांव जाकर लोगों का इलाज कर रही हैं और उन्हें दवा किट भी मुहैया कराई जा रही है।

इस अभियान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सिर्फ एक विभाग की जिम्मेदारी नहीं है। मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री, विधायक, पार्टी के ज़िला प्रभारी, जनप्रतिनिधि, हर कोई मैदान में दिख रहा है। कहीं मंत्री लोगों से मिल रहे हैं, तो कहीं विधायक गांवों में कैंपों की व्यवस्था देख रहे हैं। हर गांव में आम आदमी पार्टी के नेता और वॉलंटियर सरकार की टीमों के साथ खड़े हैं, क्योंकि यह राहत नहीं, जनसेवा का मौका है। हर दिन सुबह से लेकर शाम तक हेल्थ कैंप चल रहे हैं, जहां डॉक्टर, फार्मासिस्ट, नर्स और नर्सिंग छात्र मिलकर लोगों की जांच कर रहे हैं। जिन गांवों में अस्पताल या हेल्थ सेंटर नहीं हैं, वहां स्कूल, पंचायत भवन या आंगनवाड़ी को ही अस्थायी मेडिकल सेंटर बना दिया गया है।

20 सितंबर तक हर घर तक पहुंचने का लक्ष्य
हर कैंप में जरूरी दवाएं, ओआरएस, डेटॉल, बुखार की गोली, मलेरिया-डेंगू की जांच किट और फर्स्ट एड उपलब्ध है।सरकार ने सुनिश्चित किया है कि कोई परिवार छूटे नहीं। आशा वर्कर घर-घर जा रही हैं। उनका एक ही काम है, हर घर की सेहत का हाल जानना, जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से मिलवाना और दवाई देना। अगर कोई बच्चा बीमार है, बुज़ुर्ग को बुखार है, महिला को कमजोरी महसूस हो रही है, तो अब इलाज इंतज़ार नहीं करता। सरकार ने तय किया है कि 20 सितंबर तक हर घर तक कम से कम एक बार ज़रूर पहुंचना है। और यह काम रविवार को भी बिना रुके चलेगा।

21 दिनों तक हर गांव में लगातार फॉगिंग हो रही
फॉगिंग और मच्छरों पर नियंत्रण के लिए भी अभूतपूर्व तैयारी की गई है। अगले 21 दिनों तक हर गांव में लगातार फॉगिंग हो रही है। टीमें घर-घर जाकर पानी के स्रोत चेक कर रही हैं, जहां भी डेंगू या मलेरिया का संदेह होता है, वहां तुरंत स्प्रे किया जाता है। यह सब सिस्टम के तहत हो रहा है, हर ब्लॉक में मेडिकल ऑफिसर ज़िम्मेदार है और हर दिन शाम तक पूरी रिपोर्ट ऑनलाइन अपलोड की जा रही है। 550 से ज़्यादा एंबुलेंस इस काम में लगी हुई हैं। 85 दवाओं और 23 मेडिकल उपयोगी वस्तुओं का भंडारण पहले से किया गया है। बड़े अस्पतालों के एमबीबीएस डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और फार्मेसी स्टाफ इस सेवा में लगे हैं। सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि इस अभियान को रुकने नहीं देना है, न संसाधनों की वजह से, न स्टाफ की कमी से।

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