पंजाब के जहरीली शराब कांड में चार और लोगों की मौत, मरने वालों की संख्या 27 हुई, सरकार ने पीड़ित परिवारों को दी मदद

चंडीगढ़/अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का आंकड़ा बढ़ गया है। पिछले 24 घंटों में चार और लोगों की जान चली गई। इस हादसे में अब तक कुल 27 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने मरने वालों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। पुलिस ने इस मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि जहरीली शराब बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला रसायन मेथनॉल ऑनलाइन खरीदा गया था।

मरने वालों के परिवारों को चेक बांटे
अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों में से तीन भंगवान गांव के थे और एक गालोवाली कुल्लियां गांव का था। कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने मजीठा क्षेत्र के गांवों में मरने वालों के परिवारों को चेक बांटे। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अस्पताल में भर्ती लोगों का मुफ्त इलाज करा रही है। साथ ही उन्हें दो लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।हादसे के शिकार

ज्यादातर लोग दिहाड़ी मजदूर
मंत्री ने आगे कहा कि किसी भी धनराशि से परिवार के कमाने वाले सदस्य की क्षति की भरपाई नहीं की जा सकती। लेकिन जीवित बचे सदस्यों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास करना सरकार की जिम्मेदारी है। इस हादसे के शिकार ज्यादातर लोग दिहाड़ी मजदूर थे। ये लोग रोज कमाकर खाने वाले थे। मरने वालों में भंगाली, पातालपुरी, मरारी कलां, तलवंडी खुम्मान, करनाला, भंगवान और थेरेवाल गांवों के लोग शामिल हैं।

पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा

पुलिस की जांच में पता चला है कि जहरीला शराब बनाने के लिए औद्योगिक उत्पादों में इस्तेमाल होने वाला रसायन मेथनॉल ऑनलाइन थोक में खरीदा गया था। मेथनॉल एक तरह का अल्कोहल होता है, जो शरीर के लिए बहुत हानिकारक होता है। इस हादसे में मरने वालों की उम्र 26 से 80 साल के बीच थी। इनमें से कई अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे। उनके जाने से परिवारों पर बहुत बड़ा संकट आ गया है।

पुलिस ने दर्ज किया केस

पुलिस ने मजीठा थाने और अमृतसर ग्रामीण के कथुनांगल थाने में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। ये मामले भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और 103 (हत्या) के तहत दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही आबकारी अधिनियम और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराएं भी लगाई गई हैं।

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