जैसी ही पता चला ‘हिंदू’ है गोली मार दी, किसी ने मदद नहीं की… लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी ने खोला राज

चंडीगढ़: पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल (26) की पत्नी हिमांशी ने पहली बार मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि उनके पति को गोली लगने के बाद अस्पताल पहुंचाने में डेढ़ घंटे लग गए। हिमांशी ने फिर से कहा कि उनके पति को मारने वाले ने उन्हें तुरंत गोली मार दी। उसे पता चल गया था कि वे हिन्दू हैं। हिमांशी ने बताया कि जब मैंने उससे पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया, तो वह बिना कुछ कहे चला गया। हिमांशी ने आगे कहा कि पुलिस को हम तक पहुंचने में कम से कम एक घंटा लगा। किसी ने भी मदद नहीं की। जब वे आखिरकार डेढ़ घंटे बाद उन्हें पहलगाम के एक अस्पताल ले गए, तो भारतीय सेना ने मुझे बताया कि उनका इलाज चल रहा है।

भारतीय सेना मुझे पहलगाम क्लब ले गई
उन्होंने बताया कि जब मैं 5-10 मिनट में अस्पताल पहुंची, तो उन्होंने मुझे बताया कि मेरे पति को श्रीनगर शिफ्ट कर दिया गया है। मैंने वहां मौजूद सेना के जवानों से पूछा कि वे मुझे साथ क्यों नहीं ले गए, लेकिन उन्होंने कहा कि हेलिकॉप्टर में जगह नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि भारतीय सेना उन्हें पहलगाम क्लब ले गई। वहां उन्हें आर्मी हेडक्वार्टर से फोन आया। मेरा ड्राइवर मुझे वापस श्रीनगर ले गया। अब मैं सिर्फ यही मांग सकती हूं कि शहीद विनय को पूरा सम्मान मिले। विनय हमेशा देश की सेवा करना चाहते थे। विनय के स्कूल के डायरेक्टर निर्मलजीत चावला ने बताया कि लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और उनकी छोटी बहन सृष्टि दोनों नर्सरी क्लास से एक ही स्कूल में पढ़ते थे। विनय ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में टॉप किया था।

हमेशा डिफेंस में जाने का सपना
उन्होंने आगे बताया कि वे हमेशा क्विज और स्पोर्ट्स में पहला स्थान हासिल करते थे। जब भी हम उनसे उनकी इच्छाओं के बारे में पूछते थे, तो वे हमेशा डिफेंस में जाने का सपना बताते थे। स्कूल को उन पर गर्व है। वहीं सांसद कुमारी शैलजा विनय नरवाल के घर पहुंचीं। उन्होंने उनकी पत्नी और बहन से मुलाकात की और अपना दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जिन्होंने नरसंहार किया, वे इंसान नहीं, राक्षस थे। इंडिया एंटी-टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनिंदर सिंह बिट्टा भी परिवार से मिले।

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