उत्तराखंड: देवभूमि में खिसक रहे पहाड़ और उफान पर नदियां, 159 सड़कें बंद की गई, कई यात्री फंसे

देहरादून: प्रदेश भर में हो रही मानसूनी तेज बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त पड़ा हुआ है। एक तरफ पहाड़ खिसक रहे हैं तो दूसरी तरफ नदियों का जल स्तर बढ़ा हुआ है। गंगा सहित तमाम सहायक नदियां उफान पर है। तेज बारिश के चलते हो रहे भूस्खलन से प्रदेश भर में 159 सड़के बंद है। 159 मोटर मार्ग पर वाहनों का आवागमन रुक गया है। चार धाम यात्रा पूरी तरह से प्रभावित है। अगले दो से तीन दिन प्रदेश भर के लगभग सभी जिलों में तेज बारिश होने की संभावना जताई गई है।

मौसम विभाग की ओर से शनिवार को भी प्रदेश में तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर रुद्रप्रयाग, नैनीताल और चंपावत में तेज बारिश के असर हैं। तेज बारिश के कारण मालवा और पत्थर सड़कों पर आ जाने के कारण 159 सड़कें बंद हैं। राज्य में 159 सड़कों पर आवागमन ठप पड़ा हुआ है। इसमें बॉर्डर रोड, राजमार्ग से लेकर ग्रामीण मोटर मार्ग शामिल है। मानसूनी बरसात से सबसे अधिक प्रभावित चमोली जिला है। यहां पर 39 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है।

देहरादून में भी दिख रहा असर

सीमांत पिथौरागढ़ जिले में एक बॉर्डर रोड और 22 ग्रामीण मोटर मार्ग बाधित है। देहरादून जिले में मार्गों के हाल खराब है, यहां पर एक राजमार्ग और 20 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है। रुद्रप्रयाग में 11 ग्रामीण मोटर मार्ग उत्तरकाशी में दो राजमार्ग एक मुख्य जिला मार्ग और चार ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है।

कई यात्री केदारनाथ के आस-पास फंसे

नैनीताल में एक राजमार्ग और 8 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। भूस्खलन के कारण बागेश्वर में तीन मुख्य जिला मार्ग और चार ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है। अल्मोड़ा में एक मुख्य जिला मार्ग विचार ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है। चंपावत में तीन और पौड़ी में 17 ग्रामीण मोटर मार्ग बाधित है। उधम सिंह नगर में एक राजमार्ग बंद है। ग्रामीण मोटर मार्ग के साथ टिहरी में एक राजमार्ग बंद है 14 ग्रामीण मोटर मार्ग जिले भर में बंद पड़े हुए हैं इसके कारण परेशानी बड़ी है। वहीं केदारनाथ में आई आफत की बारिश से हुए नुकसान में अब तक 6,980 लोगों का सकुशल रेस्क्यू किया जा चुका है। करीब 150 लोगों से अभी तक संपर्क नहीं हो पाया है, जबकि 1500 यात्री अभी भी केदारनाथ धाम और आसपास के इलाकों में फंसे हुए हैं।

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