लखनऊ: (किशोर चव्हाण )
जब सास-बहू के रिश्ते की बात आती है तो नोकझोंक और झगड़े जैसे शब्द जेहन में आते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के एटा जिले के अश्विनी प्रताप सिंह परिवार में घटी घटनाओं ने समाज के सामने सास-बहू के रिश्ते की एक अलग मिसाल पेश की है। अपनी बहू की जान बचाने के लिए सास ने अपनी एक किडनी दान कर दी। इससे बहू को नया जीवन मिला। सास की वजह से बहू का पुनर्जन्म हुआ। इस घटना की चर्चा पंचक्रोशी में होने लगी। हर तरफ यही कहा जाने लगा कि सास ऐसी ही होनी चाहिए। फर्रुखाबाद की रहने वाली पूजा की शादी एटा जिले के रहने वाले अश्विनी प्रताप सिंह से नवंबर 2023 में हुई। 2024 में बेटी को जन्म देते समय पूजा के पेट में गंभीर संक्रमण हो गया।
इस संक्रमण ने उसकी दोनों किडनी 75 प्रतिशत तक खराब कर दी। परिवार कई बड़े अस्पतालों में भागा। लेकिन कुछ भी काम नहीं आया। अंत में पूजा को लखनऊ में डॉ राम मनोहर लोहिया में स्थानांतरित कर दिया गया। डॉक्टरों ने सलाह दी कि अगर पूजा की जान बचानी है, तो किडनी ट्रांसप्लांट के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।
जब सभी तरफ निराशा थी, तो सास बीनम देवी आगे आईं। बीनम देवी ने परिवार से कहा कि अगर मेरी किडनी मैच हुई, तो मैं इसे अपनी बहू को दान कर दूंगी। दोनों के ब्लड ग्रुप एक ही निकले। इसके बाद 13 सितंबर को बीनम देवी ने अपनी बहू को किडनी दान कर दी। पूजा की सर्जरी हुई। मजे की बात यह है कि पूजा की मां अपनी बहू की मदद के लिए आगे नहीं आईं। लेकिन जब सास पीछे हट गईं, तो उसकी सास ने पूजा को जीवनदान दिया। सर्जरी के बाद पूजा फूट-फूट कर रोने लगी। उसकी मां ने उसे किडनी दान करने से इनकार कर दिया उनकी वजह से ही आज मैं अपनी बेटी को गोद में लेकर खेल रही हूं।
भगवान ऐसी सास सबको दे, पूजा ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। एक महीने के इलाज के बाद पूजा और उनकी सास बीनम देवी गांव लौटीं। उसके बाद, पूरा गांव भावुक हो गया। पड़ोसियों और ग्रामीणों ने दोनों का फूल बरसाकर स्वागत किया। घर-घर मिठाइयां बांटी गईं। पूरा गांव चर्चा करने लगा कि इन दोनों ने सास-बहू के रिश्ते की परिभाषा ही बदल दी है। सास और बहू ने सोचा भी नहीं था कि गांव में उनका इस तरह स्वागत होगा। ग्रामीणों द्वारा किए गए अप्रत्याशित स्वागत से दोनों अभिभूत थीं। वे बहुत भावुक हो गईं। दोनों की आंखें खुशी के आंसुओं से भर आईं। उनका प्यार देखकर ग्रामीणों की पलकें नम हो गईं।