धनंजय मुंडे का इस्तीफा, सियासी हलचल तेज, महाराष्ट्र में क्या नई लड़ाई छिड़ने वाली है?

महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे का इस्तीफा राजनेताओं और अपराधियों की मिलीभगत का जीवंत व ताजा उदाहरण है। यह सांठगांठ इस हद तक है कि धोखाधड़ी, कमिशनखोरी, रंगदारी वसूली, मारपीट और हत्याओं तक बात पहुंच जाती है। आरोपों से लगता है कि धनंजय शायद इसी जाल में फंसे हैं। बीड़ जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या इसी कड़ी का हिस्सा है। इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड और उनके गिरोह के साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। उनसे अपनी करीबी कबूल कर धनंजय भी गिरफ्त में आ गए।आरोपी संग पार्टनरशिप । वेंकटेश्वर चीनी मिल में कराड और धनंजय पार्टनर हैं। कराड के नाम पर करोड़ों की संपत्ति और उसका धनंजय से कनेक्शन है। इसके अलावा, धनंजय पर लगे आरोपों की लिस्ट बहुत लंबी है,- कृषि विभाग में करीब 300 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप। फसल बीमा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई। हार्वेस्टर घोटाले में भी नाम आया। तब वह पिछली सरकार में कृषि मंत्री थे।- परली और आंबेजोगाई में PWD से काम किए बिना ही करोड़ों रुपये के बिल लेने के आरोप।

– प्रमोद महाजन के भाई प्रवीण की पत्नी सारंगी की झूठे आरोपों में जमीन हड़पना।

– पवन ऊर्जा कंपनी से दो करोड़ रुपये की उगाही के लिए दबाव। आरोप है कि लेनदेन को लेकर धनंजय के बंगले में बैठक हुई।

रिश्तों का झगड़ा

धनंजय मुंडे, करुणा शर्मा नाम की महिला के साथ रिलेशन में रहे हैं। उनके दो बच्चे भी हैं। परिवार अदालत ने करुणा और बच्चों के लिए प्रति माह दो लाख रुपये का अंतरिम गुजारा भत्ता मंजूर किया है। धनंजय ने करुणा से संबंधों को स्वीकार किया है, मगर आदेश को चुनौती दी है। केस चल रहा है।

मराठवाड़ा में राजनीतिक असर

इन मामलों का राज्य की राजनीति पर असर आना ही है, खासकर बीड जिले और मराठवाड़ा में राजनीतिक समीकरणों पर इसका असर पड़ेगा। बीड इलाका गोपीनाथ मुंडे के कारण BJP का गढ़ रहा है। धनंजय उनके भतीजे हैं। गोपीनाथ ही 90 के आसपास भतीजे को BJP में ले आए थे। धनंजय ने विद्यार्थी परिषद से लेकर BJP युवा मोर्चा तक में जिम्मेदारियां संभाली हैं।

बहन पंकजा मुंडे से विवाद

गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद उनके उत्तराधिकार को लेकर उनकी बेटी पंकजा और उनके चचेरे भाई यानी धनंजय के बीच संघर्ष शुरू हो गया। धनंजय NCP में चले गए और विधानसभा चुनाव में पंकजा को मात दे दी। NCP के टूटने के बाद वह अजित पवार के साथ हो लिए। लोकसभा चुनाव में भी धनंजय ने पंकजा का साथ शायद ही दिया हो। यह चुनाव भी वह हार गईं। अब पंकजा की वापसी हो चुकी है। वह विधान परिषद में जाकर मंत्री बन गई हैं। धनंजय के इस्तीफे से उनके लिए अब बीड में मैदान साफ है। BJP के लिए भी यह फायदे का सौदा रहेगा।

कौन बनेगा महाराष्ट्र का नया मंत्री

धनंजय के इस्तीफे के बाद उनके पद पर कई लोगों की नजरें हैं। यह मंत्री पद अजित पवार के कोटे का है। तीन प्रमुख नाम उभरे हैं – छगन भुजबल, प्रकाश सालुंके और जयंत पाटील। छगन भुजबल उन्हें मंत्री पद से दूर रखने के कारण बहुत नाराज हैं। हालांकि भुजबल और सालुंके, दोनों को दूर रखकर शरद पवार गुट के जयंत पाटील को अपने खेमे में लाया जा सकता है। BJP प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और जयंत पाटील की हाल में बैठकें हुई हैं। जयंत के आने से अजित दादा मुश्किल में पड़ सकते हैं।

एक और निशाना

अजित के एक और मंत्री निशाने पर हैं। यह हैं कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे। मुख्यमंत्री के रियायती कोटे से उन्होंने 90 के दशक में सस्ते में मकान पा लिया था। यह मकान गरीब तबके के लिए थे। उन्होंने अपनी आय कम दिखाई थी। अदालत में भ्रष्टाचार का मामला साबित हो गया है। कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाने के साथ 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोकाटे ने अपील करने की बात कही है, लेकिन उनका मंत्री पद तो ऑक्सिजन पर ही रहेगा। इससे अजित दादा की NCP में हलचल है। कोई भी निशाने पर आ सकता है।

शिंदे गुट में हलचल

पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उनके साथी पहले से ही सतर्क हैं। कुछ लोगों पर आपराधिक मामले हैं, इसलिए वे भी चौकन्ने हैं। कुल मिलाकर अजित और शिंदे, दोनों गुट असहज महसूस कर रहे हैं।

BJP फायदे में

राजनीति कैसे करवट बदलेगी, यह कोई नहीं कह सकता, लेकिन आपराधिक मामलों का अस्त्र BJP के हाथ में जरूर है। सच है कि जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते तब तक किसी को अपराधी करार देना गलत है। फिर भी, एक सवाल तो उठता ही है कि हमारे बहुत से राजनेताओं पर इतने संगीन आपराधिक मामले बनते ही क्यों और कैसे हैं?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *