मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे शिवाजी पार्क रैली में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करेंगे। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बवानकुले से मीटिंग के बाद राज ठाकरे ने ग्रीन सिग्नल दे दिया है। इसके बाद सभी की नजरें अब शिवाजी पार्क की रैली पर लग गई हैं। राज ठाकरे ने बीजेपी को बिना शर्त समर्थन देने के बाद पिछले दो हफ्तों में तीन जनसभाओं को संबोधित किया था, लेकिन उन्हें उतनी चर्चा नहीं मिली थी। पीएम मोदी के साथ मंच पर आने के ऐलान के मुंबई की राजनीति गरमा गई है। ऐसे में चर्चा शुरू हो गई है कि राज ठाकरे क्यों बोलेंगे? क्योंकि यह वही मैदान है जहां पर 2019 में राज ठाकरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर सीधा हमला बोला था। तब राज्य में बीजेपी और शिवसेना (अविभाजित) का गठबंधन था। राजनीति हलकों में बावनकुले और ठाकरे की मुलाकात को औपचारिकता माना जा रहा था, क्योंकि रैली के लिए शिवाजी पार्क को बीएमसी से मनसे ने ही बुक किया है। ऐसे में यह भी चर्चा हो रही है राज ठाकरे ने पहले ही पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने की तैयारी कर ली थी।
क्या बोलेंगे राज ठाकरे?
2019 से 2024 के बीच पांच सालों में महाराष्ट्र की सियासत बदल गई है। ऐसे में क्या राज ठाकरे बदले हुए अंदाज में नजर आएंगे। मनसे द्वारा की रैली ग्राउंड को बुक किए जाने को राज ठाकरे की बड़ी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि वे राम मंदिर, धारा 370 जैसे विषयों के साथ सीएए और NRC जैसे मुद्दों पर बोल सकते हैं। इतना ही नहीं राजनीति हलकों में भले ही यह रैली महायुति की है लेकिन इस राज ठाकरे का शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है। इसमें मनसे शिवाजी पार्क के अपने घरेलू मैदान पर ताकत दिखा सकती है। इसी में राज ठाकरे की रणनीति छिपी हुई है।
राज ठाकरे की रणनीति
राज ठाकरे अगर इसमें सफल रहे तो आने वाले बीएमसी और विधानसभा चुनावों में मनसे चुनावी समर में उतर सकती है। अब देखना यह है कि राज ठाकरे अपने संबाेधन में पांच साल के हमले को कैसे बदलते हैं? राज ठाकरे ने 2006 में मनसे का गठन किया था। इसके बाद वे पहली बार बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ मंच साझा करेंगे। इसको लेकर भी मनसे कार्यकर्ताओं में उत्साह है। रैली में दोनों नेता मराठी वोटरों पर फोकस कर सकते हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि शिवाजी पार्क की बुकिंग कराकर मनसे ने ग्राउंड बुक नहीं किया बल्कि नए सिर से अपनी सियासी जमीन बनाने की ओर कदम बढ़ाया है।
अजित पवार पर सस्पेंस
शिवाजी पार्क की रैली जहां राज ठाकरे के लिए शक्ति प्रदर्शन है तो महायुति के लिए यह रैली भी काफी अहम है। इस रैली महायुति के सभी नेताओं के मौजूद रहने की उम्मीद है, लेकिन एनसीपी चीफ अजीत पवार को सस्पेंस है। घाटकोपर के रोड शो में अजीत पवार को छोड़कर सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस मौजूद रहे थे। पावर की गैरहाजिरी के पीछे उनके अस्वस्थ होने की जानकारी सामने आई थी। मुंबई की छह सीटों में बीजेपी और शिवसेना तीन-तीन सीटों पर लड़ रहे हैं। इनमें केंद्रीय पीयूष गोयल शामिल है। एमवीए में 4 सीटों पर शिवसेना (यूबीटी) ने अपने कैंडिडेट उतारे हैं। दो सीटों पर कांग्रेस लड़ रही है। इस रैली में महायुति के नेता विकास के तमाम प्रोजेक्ट को रोकने को लेकर MVA पर हमलावर हो सकते हैं।