केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री श्री धमेंद्र प्रधान ने आज वर्चुअल तरीके से आईआईटी तिरुपति के चौथे और पांचवे दीक्षांत समारोह को संबोधित किया और प्रमाणपत्र प्राप्त करने वालों को बधाई दी। कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने आईआईटी तिरुपति में सीमेंस और विप्रो के सहयोग से विकसित उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) का भी उद्घाटन किया। यह सीओई ‘‘स्मार्ट मैन्यूफैक्चरिंग एवं ईवी टेक्नोलॉजीज‘‘ पर ध्यान केंद्रित करता है तथा इसके पास स्मार्ट मैन्यूफैक्चरिंग, ईवी टेक्नोलॉजीज स्मार्ट ग्रिड आदि पर सात प्रयोगशालाएं हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री धमेंद्र प्रधान ने कहा कि संस्थान के छात्र संपदा सृजनकर्ता में रूपांतरित होंगे और विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में अहम योगदान देंगे। संस्थान के नवोन्मषण एवं अंतरविषयी शोध पर फोकस की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि यह सामाजिक – आर्थिक परिवर्तन के उत्प्रेरक में भी रूपांतरित हो जाएगा जो वैश्विक कल्याण और मानवता की सेवा के लिए युवा शक्ति की ऊर्जा का माध्यम बनेगा।
2015 में स्थापित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी तिरुपति) भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्तशासी संस्थान है। इसे भारत की संसद के अधिनियम के तहत राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है। आईआईटी तिरूपति ने 2015-16 के शैक्षणिक वर्ष में अपने सलाहकार संस्थान, आईआईटी मद्रास के सहयोग से काम करना शुरू किया। शैक्षणिक प्रोग्राम अगस्त 2015 में सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बी.टेक प्रोग्राम में छात्रों को प्रवेश देकर शुरू किया गया था। अनुसंधान कार्यक्रम अर्थात् एमएस और पीएचडी प्रोग्राम शैक्षणिक वर्ष 2017 से शुरू हो गए हैं। इसके बाद, केमिकल इंजीनियरिंग में नया बी.टेक प्रोग्राम अगस्त 2018 में शुरू हुआ। मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर विज्ञान विषयों में एम.टेक प्रोग्राम भी शुरू हो गए हैं। अगस्त 2018 से लॉन्च किया गया है। गणित में एमएससी प्रोग्राम अगस्त 2019 में शुरू किया गया था। नवीनतम अतिरिक्त मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी (एमपीपी) प्रोग्राम है, जिसे भारत में नीति पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 2022 में शुरू किया गया था।