जयपुर के विश्वकर्मा थानाक्षेत्र स्थित एक मकान में भीषण आग लग गई. जिस कारण परिवार के पांच लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई. परिवार बिहार का रहने वाला था. यहां वे किराए के मकान में रह रहे थे. पुलिस की मानें तो सिलेंडर में आग लगने से यह हादसा हुआ. पुलिस हादसे की जांच कर रही है.
राजस्थान के जयपुर में गुरुवार की सुबह एक घर में भीषण आग लग गई. जिस कारण पांच लोग जिंदा जल गए. हादसे में पति-पत्नी समेत तीन बच्चों की मौत हुई है. घटना विश्वकर्मा थानाक्षेत्र के जैसल्या गांव की है. मरने वाले सभी लोग बिहार के रहने वाले थे. वे यहां इस मकान में किराए पर रह रहे थे. सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं. दमकल विभाग की गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया.
इससे पहले बांसवाड़ा में 9 महीने की मासूम की घर के अंदर जिंदा जलकर मौत हो गई थी. आदिवासी समाज की महिला अपने चार बच्चों को घर में ही छोड़कर पास ही कपड़े धोने के लिए गई थी. जब महिला कुछ देर बाद वापस आई तो उसने घर में आग लगी हुई देखी. महिला और उसके अन्य रिश्तेदारों ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन, तब तक मासूम की मौत हो चुकी थी.
मामला बांसवाड़ा जिले के भुंगड़ा थाना क्षेत्र के सोमपुर गांव का था. गांव में कई आदिवासी छप्पर और मिट्टी से बने कच्चे मकानों में रहते हैं. यहीं पर दोला सारेल नाम के व्यक्ति की झोपड़ी भी बनी हुई थी. 26 जनवरी को उसकी पत्नी भुला देवी को कपड़े धोने जाना था तो वह अपने घर में 9 महीने की बेटी कल्पना और तीन बेटों को छोड़कर गई थी. बेटों की उम्र 7, 5 और तीन साल है.
बेटे बच गए, बेटी की मौत
भुला देवी जब कपड़े धोने के लिए गई थी उसी वक्त उसका जेठ संतोष वहां पर पहुंचा और उसने देखा की छोटे भाई के घर में आग लगी हुई है. उसने तुरंत भुला देवी को बुलाया. इसके बाद दोनों ने झोपड़ी में लगी आग को बुझाने की बहुत कोशिश की. कच्चे मकान की सूखी लकड़ियों में आग फैलती गई. इसी बीच तीनों बेटे जैसे-तैसे मकान से बाहर निकलने में कामयाब हो गए. लेकिन, 9 महीने की मासूम की अंदर ही फंसी रही गई. जिस कारण उसकी मौत हो गई.