Agra Taj Mahal:
आगरा में हिंदूवादी संगठन ने महाशिवरात्रि पर्व पर ताजमहल में पूजा को लेकर याचिका दायर की है. यह याचिका आगरा के सिविल जज सीनियर डिविजन कोर्ट में दायर की गई है. दायर याचिका में ताजमहल की मुख्य स्मारक में दुग्ध अभिषेक करने की मांग भी की गई है. यह याचिका योगी यूथ ब्रिगेड धर्म रक्षा ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने दायर की है.
याचिका दायर करने वाले हिंदूवादी संगठन का दावा है कि ताजमहल की मुख्य स्मारक के नीचे तहखाने में शिवलिंग बना हुआ है. 8 मार्च को महाशिवरात्री का पर्व है. इस दिन हिंदूवादी संगठन द्वारा ताजमहल में पूजा करने की अनुमति कोर्ट से मांगी जा रही है. इसके लिए संगठन ने कोर्ट में याचिका दायर की है.
‘तेजो महालय शिव मंदिर को तोड़कर बनाया ताजमहल’
योगी यूथ ब्रिगेड धर्म रक्षा ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने शिवरात्रि पर्व पर पूजा करने की याचिका कोर्ट में दायर की है. अजय तोमर का कहना है कि जिस स्थान पर ताजमहल है वहां सन 1212 में राजा परम देव ने शिवलिंग बनवाया था. यह स्थान तेजो महालय कहलाता था. उनका कहना है कि तेजो महालय शिव मंदिर को तोड़कर मुगलों ने यहां ताजमहल बनाया था. मुगल शासकों ने हिंदू पूजा रोकने को ताजमहल में आर्टिफिशियल मजारें बनवाई. उनका कहना है कि मुमताज की मृत्यु 1631 में हुई थी, जिसे मध्य प्रदेश के बुरहानपुर स्थित ताप्ती नदी के किनारे दफनाया गया था. वहीं, ताजमहल का निर्माण साल 1632 में शुरू हुआ था.
ताजमहल की मुख्य स्मारक के ऊपर बने हैं त्रिशूल, कलश और चंद्रमा
याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता का कहना है कि ताजमहल के शिव मंदिर होने के कई प्रमाण मुख्य स्मारक पर बने हैं. उनका दावा है कि सनातनी संस्कृति के अनुसार यमुना किनारे मंदिरों के निर्माण कराए जाते हैं. तेजो महालय का निर्माण भी यमुना नदी के किनारे किया गया था. इसके सबसे बड़े उदाहरण अयोध्या, काशी, मथुरा हैं. इसके अलावा ताजमहल की मुख्य स्मारक के ऊपर त्रिशूल, कलश और चंद्रमा बने हैं जो सनातन संस्कृति की निशानी है. ताजमहल के निकट बने बाग में आम के पेड़ लगे हैं. अधिवक्ता का कहना है कि मुस्लिमों को ताजमहल में नमाज पढ़ने और उर्स लगाने की अनुमति दी जाती है जबकि हिंदुओं के साथ भेदभाव किया जाता है.